जमीन पर सोने से कंधे और कूल्हे में होने वाले दर्द से बहुत आराम मिलता है।
उत्तराखंड (देहरादून) बुधवार, 05 जून 2024
कल की लाइफस्टाइल में लोग अपने बेडरूम में मोटे से मोटा गद्दा का इस्तेमाल करते हैं।जमीन पर सोना तो अब पुराने ज़माने की बात हो गई है। लोग अपने बेड से किसी भी तरह का समझौता करने को तैयार नहीं है। दिनभर की भागमभाग और थकावट के बाद आपको भी लगता ही होगा कि कैसे भी अपने बिस्तर में घुसकर सुकून की नहालांकि आजकल ज्यादातर लोग इसी वजह से पीठ और कमर के दर्द से परेशान रहते हैं।
आजकल की लाइफस्टाइल में लोग अपने बेडरूम में मोटे से मोटा गद्दा का इस्तेमाल करते हैं. जमीन पर सोना तो अब पुराने ज़माने की बात हो गई है. लोग अपने बेड से किसी भी तरह का समझौता करने को तैयार नहीं है. दिनभर की भागमभाग और थकावट के बाद आपको भी लगता ही होगा कि कैसे fभी अपने बिस्तर में घुसकर सुकून की नींद ले. हालांकि आजकल ज्यादातर लोग इसी वजह से पीठ और कमर के दर्द से परेशान रहते हैं.
सबसे पहले एक पतली सी चटाई या कारपेट लें. अगर आपको असुविधा हो रही है तो चटाई पर कोई पतला सा गद्दा बिछा लें. इससे हड्डियों का अलाइनमेंट ठीक रहता है.अगर आपको काफी ज्यादा पीठ में दर्द होता है तो जमीन पर सोते वक्त पीठ के बल ही सोएं. इससे रीढ़ की हड्डी को काफी ज्यादा आराम मिलेगा. जमीन पर जब आप सोने की आदत बनाते हैं तो पतले तकिए का ही इस्तेमाल करें। इससे आपकी आदत भी बिना तकिया सोने से सांस लेने की परेशानी भी दूर रहेगी। जमीन पर सोने के लिए मुलायम गद्दे का इस्तेमाल न करें क्योंकि इससे आपके शरीर में दर्द शुरू हो जाता है।
जमीन पर सोने से रीढ़ की हड्डी में दर्द और अकड़न कम होती है. जब आप गद्देदार गद्दे पर सोते हैं तो रीढ़ की हड्डी अकड़ जाती है. जिसका सीधा असर दिमाग पर पड़ता रीढ़ की हड्डी सेंट्रल नर्वस सिस्टम से जुड़ा हुआ रहता है। इसका सीधा कनेक्शन ब्रेन से जुड़ा हुआ है।
जमीन पर सोने से कंधे और कूल्हे में होने वाले दर्द से बहुत आराम मिलता है।
शरीर का लचीलापन बढ़ाने और शरीर का पॉस्चर सही करने में ये तरीका काफी फायदेमंद है। दरअसल, फर्श पर सोने से आपके शरीर के तमाम अंगों के बीच एक बैलेंस रहता है जिससे पॉस्चर सही करने में मदद मिलती है। ये न सिर्फ गर्दन के आस-पास के पॉस्चर को सही करता है बल्कि ये सेहत के कमर और कंधों के पॉस्चर को भी सही करने में मदद कर सकता है।
जो लोग जमीन पर सोते हैं उनका पोस्चर ठीक रहता है और कमर दर्द भी कम हो जाती है।
जमीन पर सोने से शरीर का टेंपरेचर हो जाता है कम. वहीं बेड पर सोने से शरीर की गर्मी बढ़ जाती है. जिससे बॉडी का टेंपरेचर बढ़ने लगता है।
जमीन पर सोने से ब्लड प्रेशर ठीक रहता है. जिसके कारण मांसपेशियों को आराम मिलता है और तनाव कम हो जाता है.
सबसे पहले एक पतली सी चटाई या कारपेट लें,अगर आपको असुविधा हो रही है तो चटाई पर कोई पतला सा गद्दा बिछा लें। इससे हड्डियों का अलाइनमेंट ठीक रहता है अगर आपको काफी ज्यादा पीठ में दर्द होता है तो जमीन पर सोते वक्त पीठ के बल ही सोएं. इससे रीढ़ की हड्डी को काफी ज्यादा आराम मिलेगा। जमीन पर जब आप सोने की आदत बनाते हैं तो पतले तकिए का ही इस्तेमाल करें। इससे आपकी आदत भी बनेगी और बिना तकिया सोने से सांस लेने की परेशानी भी दूर रहेगी। जमीन पर सोने के लिए मुलायम गद्दे का इस्तेमाल न करें क्योंकि इससे आपके शरीर में दर्द शुरू हो जाएगी।
जमीन पर सोने से रीढ़ की हड्डी में दर्द और अकड़न कम होती है. जब आप गद्देदार गद्दे पर सोते हैं तो रीढ़ की हड्डी अकड़ जाती है. जिसका सीधा असर दिमाग पर पड़ता है। रीढ़ की हड्डी सेंट्रल नर्वस सिस्टम से जुड़ा हुआ रहता है. इसका सीधा कनेक्शन ब्रेन से जुड़ा हुआहै।
जमीन पर सोने से कंधे और कूल्हे में होने वाले दर्द से बहुत आराम मिलता है. इससे पीठ दर्द, कंधे और गर्दन की दर्द में राहत मिलती है।
शरीर का लचीलापन बढ़ाने और शरीर का पॉस्चर सही करने में ये तरीका काफी फायदेमंद है। दरअसल, फर्श पर सोने से आपके शरीर के तमाम अंगों के बीच एक बैलेंस रहता है जिससे पॉस्चर सही करने में मदद मिलती है। ये न सिर्फ गर्दन के आस-पास के पॉस्चर को सही करता है बल्कि ये सेहत के कमर और कंधों के पॉस्चर को भी सही करने में मदद कर सकता है।
जो लोग जमीन पर सोते हैं उनका पोस्चर ठीक रहता है और कमर दर्द भी कम हो जाती है।
जमीन पर सोने से शरीर का टेंपरेचर हो जाता है कम, वहीं बेड पर सोने से शरीर की गर्मी बढ़ जाती है, जिससे बॉडी का टेंपरेचर बढ़ने लगता है।
जमीन पर सोने से ब्लड प्रेशर ठीक रहता है।जिसके कारण मांसपेशियों को आराम मिलता है और तनाव कम हो जाता है।
